
Khargone farmer started his own seed business and become success
खरगोन के किसान ने शुरू किया बीज व्यवसाय, आज ६ करोड़ है टर्नओवर
मध्य प्रदेश के जिला खरगोन के बैजापुर गाँव में रहने वाले 38 वर्षीय युवा और ऊर्जावान किसान मोहन सिंह सिसोदिया ने अपने परिवार के साथ-साथ खुद के लिए भी एक प्रतिष्ठा हासिल किया है. वर्ष 1997 में खरगोन से उच्च माध्यमिक पास सिसोदिया अपने परिवार के सदस्यों के साथ खेती में लग गए थे, लेकिन आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की उनकी प्यास ने उन्हें स्व-नियोजित होने के लिए प्रोत्साहित किया. इस विचार ने उन्हें किसानों के लिए अच्छी गुणवत्ता के उत्पादन और आपूर्ति के लिए 2007 में वेदश्री बीज उत्पादक सहकारी संस्था नामक किसानों के एक समूह को बनाने और पंजीकरण करने के लिए प्रेरित किया. लेकिन अनुभव और अन्य सदस्यों के सहयोग की कमी के कारण शुरुआती चरणों में वे असफल रहे.
उन्होंने 2011 में कृषि विज्ञान केंद्र, खरगोन के वैज्ञानिकों से मुलाकात की और समूह द्वारा सामना किए जाने वाले विभिन्न मुद्दों और समस्याओं के बारे में बताया. इस बार मोहन सिंह को कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा पूर्ण समर्थन प्रदान किया गया था.
उस वक़्त उनके जीवन में वास्तविक मोड़ आया जब कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानों को एक्सटेंशन गतिविधियों से संबंधित प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उनके गाँव को गोद लिया और उसमें काम करना शुरु किया.
करना पड़ा कड़ा परिश्रम
अपनी कड़ी मेहनत और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के क्रम में सिसोदिया, समूह गतिशीलता और नेतृत्व विकास रणनीति पर प्रशिक्षित होने के लिए वेदश्री समूह के 11 सदस्यों को प्राप्त करने में सफल रहे. इस दौरान, कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आयोजित गेहूँ बीज उत्पादन प्रौद्योगिकी पर एक महीने के व्यावसायिक प्रशिक्षण के साथ उन्होंने खुद को प्रशिक्षित किया. प्रशिक्षित होने पर, उन्होंने खुद को पूर्ण धैर्य और अनुभव के साथ बीज उत्पादन में शामिल किया. लेकिन मोहन को अपनी खुद की प्रसंस्करण इकाई और बीज भंडारण स्थापित करने के लिए स्थान और पूँजी की कमी, ब्रीडर बीज और फाउंडेशन बीज की अनुपलब्धता जैसी कई बाधाओं का सामना करना पड़ा. लेकिन अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में उनके कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ वर्ष 2017 में सिसोदिया के पास दुनिया के साथ साझा करने के लिए सफलतम कहानियों का एक मिश्रण था.
मुश्किलों का सामना कर शुरू किया अनाज बीज व्यवसाय
मोहन सिसोदिया अपनी मंजिल को हसिल करने के लिए कदि मेह्नत करते रहे. उन्होने ‘आदर्श इंटरप्राईजेज’ के नाम पर व्यवसाय की सुगमता के लिए मध्यप्रदेश सरकार से लाइसेंस लिया. इसके साथ उन्होने प्रतिष्ठित संगठनों जैसे, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, इंदौर; राजमाता विजयाराजे सिंदिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर; जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर और मध्यप्रदेश बीज संघ से गेहूँ, चना, सोयाबीन के किस्मों के उच्च पैदावार वाली ब्रीडर/फाउंडेशन बीज प्राप्त करना शुरु किया इसके बाद मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के 25 गाँवों से लगभग 500 किसानों को संगठित किया. फिलहाल ये किसान 2500 एकड़ में बीज का उत्पादन कर रहे हैं. अब उन्होंने अपने गाँव में प्रसंस्करण और पैकेजिंग सुविधा वाले बीज प्रसंस्करण संयंत्र में ग्रेडर, ग्रेविटी सेपरेटर, डेस्टोनर, बीज ट्रीटर, 3,000 मीट्रिक टन की स्टोरेज क्षमता वाली स्वत: वजन और बैगिंग मशीन यूनिट के साथ-साथ सदस्य किसानों से प्राप्त बीज को संसाधित किया. इस प्रक्रिया में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, सहकारी बैंक और नाबार्ड से प्राप्त कुल 2 करोड़ रुपये का ऋण निवेश शामिल था. शुरुआत में उन्होंने 2011 में 86 पंजीकृत किसानों से 1109 क्विंटल बीज प्राप्त किया जो 2017 में 500 पंजीकृत किसानों से 22,314 क्विंटल के रूप में बढ़ा. इस संयंत्र ने किसानों और बीज डीलरों के बारे में इस क्षेत्र में सबसे अच्छे बीज प्रसंस्करण संयंत्र के रूप में काम किया.
कर रहे हैं 2000 किसानों के साथ काम
मोहन सिसोदिया द्वारा उत्पादित बीजों की सर्वोत्तम गुणवत्ता के बारे में जानते हुए एक बीज कंपनी सिंजेंटा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 2016 में कंपनी के लिए 5,000 क्विंटल HI-1544 गेहूँ के बीज का उत्पादन करने के लिए अपनी कंपनी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके व्यापार समझौता किया.
इस प्रक्रिया में, सिसोदिया न केवल सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाले गेहूँ के बीज बनाने के लिए अपने लोकप्रिय ब्रांड के निर्माण में सफल रहे, बल्कि वह 46 कुशल मजदूरों को रोज़गार के अवसर प्रदान करने में भी सफल रहे जो अब अपने और अपने परिवारों के लिए रोटी कमाने में सक्षम हैं.
हो रही है अच्छी आए
अब मोहन सिसोदिया का उद्यम लगभग 100 आस-पास के गाँवों में 2,000 से अधिक किसानों को शामिल करके 6.26 करोड़ रुपये के व्यापार कारोबार और शुद्ध लाभ प्रति वर्ष 16,18,000 रुपए के साथ अपने वाणिज्यिक और व्यावसायिक विंग्स को आगे बढ़ा रहा है.
बीज उत्पादन की वर्षवार प्रगति
वर्ष | सदस्यों की संख्या | बीजों का उत्पादन (क्विंटल) | कुल आमदनी (रुपए) | शुद्ध आय (रुपए) |
2011-2012 | 87 | 1,109 | 3,80,629 | 60,389 |
2012-2013 | 148 | 3,164 | 24,39,409 | 3,59,226 |
2013-2014 | 201 | 7,539 | 41,43,658 | 9,38,617 |
2014-2015 | 331 | 13,625 | 69,81,883 | 9,50,640 |
2015-2016 | 500 | 10,885 | 1,03,36,065 | 11,31,631 |
2016-2017 | 500 | 22,314 | 6,26,31,312 | 16,18,059 |
इस युवा किसान मोहन सिसोदिया को कृषि क्षेत्रों में शामिल युवाओं के ब्रांड एंबेसडर बनाने की और उनकी समग्र सफलता में के. वी. के. खरगोन ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह जिले के अन्य कृषि-उद्यमियों के लिए एक आदर्श मॉडल बन गए हैं.