
Lingu bai is doubling her income doing poultry and organic farming
Women Empowerment: मुर्गी पालन करके महिला किसान ने किया कमाल, जानें ये दिलचस्प कहानी
तेलंगाना स्थित आदिलाबाद में रहने वाली लिंगू बाई ने कुछ साल पहले फ़ेयरट्रेड प्रीमियम फंड से बिना किसी किश्त के लोन लिया. लोन इसलिए क्योंकि उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे जिससे वह कुछ नया शुरू कर सकें और इसी लोन के पैसों से सफलता की कहानी रच दी.
लिंगू बाई (Lingu Bai) ने लगभग 40,000 रुपए का लोन (loan) लिया था. इससे उन्होंने ‘रेनबो रोस्ट चिकन’ (rainbow roast chicken) की शुरुआत कर मुर्गी पालन (poultry farming) का व्यवसाय शुरू किया और ऐसी सफल हुईं कि इसी से उन्होंने अपना लोन भी चुकाया, साथ ही अतिरिक्त आमदनी भी की.
मुर्गियों का रखती हैं खास ध्यान
लिंगू बाई मुर्गी पालन के तहत अपनी मुर्गियों का खास ख्याल रखती हैं. वे अपनी मुर्गियों को खाने में पौष्टिक तत्वों से भरपूर ज्वार, मक्का मिक्स देती हैं.
कपास की जैविक खेती में भी शामिल हैं लिंगू बाई
लिंगू बाई व्यवसायी बनने से पहले कपास (cotton) की जैविक खेती (organic farming) करती थीं. इस खेती में उन्होंने जैविक पद्धति को ही चुना क्योंकि इससे होने वाले लाभ को वह बचपन से देखती आई थीं.
बनीं सफल फेयरट्रेड महिला किसान
साल 2007 में चेतना ऑर्गैनिक्स के साथ जुड़ने के बाद वो एक सफल फेयरट्रेड महिला किसान बनीं. चेतना ऑर्गैनिक के तहत ‘प्रगति’ नाम की सहयोगी संस्था के साथ भी ये जुड़ीं और बोर्ड की सदस्य भी बनीं.
तैयार किए देसी उर्वरक
प्रगति सहयोगी संस्था के संपर्क में आने के बाद यहां उन्होंने बाकी महिलाओं के साथ मिलकर जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए देसी उर्वरक तैयार किया. साथ ही जंगलों में मिलने वाले कच्चे माल, जैसे झाड़, पत्तियों आदि का भी इस्तेमाल करते हुए झाड़ू तैयार किए. यह काम उन्होंने ‘सेल्फ़ हेल्प ग्रुप’ (SHG) के तहत किया.