
Marigold flowers sales grew on Deepawali in Kasganj Uttar Pradesh

दीपावली 2018: गेंदा किसानों पर बरस रही मां लक्ष्मी की कृपा, महक उठे खेत
दिवाली पर फूलों की बढ़ती मांग से किसानों की भी किस्मत चमक उठी है। कासगंज जिले में इस बार आठ हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेंदा की फसल तैयार हुई है। बाजार में गेंदा फूल की जमकर बिक्री हो रही है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल किसानों ने गेंदा की फसल में अधिक रूचि ली है।
दिवाली पर भगवान श्रीगणेश की पूजा में गेंदा फूल का विशेष महत्व माना गया है। पांच दिवसीय इस पर्व पर गेंदा के फूल की मांग बढ़ जाती है। पिछले कुछ सालों में बढ़ती मांग को देख किसानों ने गेंदा की फसल की ओर अधिक रूख कर लिया।
एक समय था जब चुनिंदा किसान ही गेंदा की खेती किया करते थे, लेकिन अब तो अधिकांश खेतों में गेंदा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। दीपावली पर्व पर तैयार हुई गेंदा फूल की खेती से खेत खिल उठे हैं। किसानों ने गेंदा का फूल बाजारों तक पहुंचा दिया है।
खेती का है दोहरा फायदा
लोग गेंदा फूल की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। घरों में मंदिरों को भी फूलों से सजाया गया है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल गेंदा की खेती का क्षेत्रफल बढ़ गया है। उद्यान विभाग के मुताबिक पिछले साल 5 हजार हेक्टेयर में गेंदा की खेती हुई थी। इस साल 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेंदा की खेती हो रही है।
गेंदा की खेती का किसानों को दोहरा फायदा है। एक ओर तो यह खेती किसानों की माली हालत सुधार रही है। दूसरी तरफ इस खेती से फूल तोड़ने के बाद बचे अवशेष से हरी खाद की पूर्ति हो रही है जिससे मिट्टी में पोषक तत्व बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो पौधे से लेकर फूल तक जो परपरागण क्रिया होती है। उससे भी पोषक तत्व बढ़ते हैं।
गेंदा की फसल करने वाली किसान मुन्नालाल ने बताया कि इस खेती से काफी फायदा मिल रहा है। एक बीघा खेती में डेढ़ से दो क्विंटल फूल तैयार हो जाते हैं। जो 8 से 10 हजार रुपये तक हो जाते हैं। एक बीघा खेती में लागत 2 से तीन हजार रुपये आती है।
किसान रामप्रकाश ने कहा कि पिछले तीन सालों से गेंदा की खेती कर रहे हैं। दीपावली पर्व पर गेंदा का फूल तैयार हो जाता है और फिर बाजार में इसकी जमकर बिक्री होती है। यह फसल जब तैयार होती है उस समय प्राकृतिक आपदाओं का कहर नहीं होता है।
आत्मा योजना के उप निदेशक राजकुमार ने बताया कि फूलों की खेती किसानों और खेतों के लिए बेहद फायदेमंद है। गेंदा फूल की खेती से खेतों की सेहत भी सुधरती है। किसान एक एकड़ में 8 से 10 क्विंटल फूल की पैदावार प्राप्त कर लेते हैं। इसमें लागत की सापेक्ष आमदनी बेहतर है।
– 8000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में तैयार हुई फसल।
– 600 से अधिक किसान हो रहे लाभांवित।
– 2 हजार क्विंटल औसतन होती है फूल की बिक्री।
– 5 हजार रुपये प्रति क्विंटल थोक में बिक रहे फूल।
– 60 से 80 रुपेय प्रति किलो हो रही फुटकर बिक्री।