
This farmer sells 7000 rupees quintal of black wheat
7000 रुपये क्विंटल काले गेहूं बेचता है ये किसान
देश के युवा अब खेती में भी नित नए-नए प्रयोग कर रहे हैं नतीजतन उन्हें न सिर्फ आर्थिक मजबूती मिल रही है बल्कि देशभर में एक अलग पहचान बनाने में भी कामयाब हो रहे हैं. विनोद चौहान भी उन्हीं युवा और प्रोगेसिव फार्मर्स में से एक है, जिन्होंने अपनी एक अलग पहचान कायम की है. वे मध्य प्रदेश के धार जिले के सिरसौदा गांव से है. विनोद परंपरागत गेहूं की खेती से हटकर उन्नत किस्म के काले गेहूं की खेती कर रहे हैं और लाखों रुपये की आमदानी कर रहे हैं. तो आइए जानते हैं विनोद चौहान की कहानी और काले गेहूं की खेती करने के तौर तरीके –
यूट्यूब से मिली प्रेरणा
प्रोग्रेसिव फार्मर विनोद चौहान आधुनिक खेती के प्रति काफी सजग है. इसलिए उन्होंने यूट्यूब के जरिए काले गेहूं की खेती के बारे में जाना. इसके बाद उन्होंने पंजाब के मोहाली स्थित रिसर्च सेंटर से काले गेहूं का बीज 12 हजार रूपए प्रति क्विंटल के हिसाब से मंगाया. विनोद ने 20 बीघा जमीन में काले गेहूं की खेती की, जिससे उन्हें लगभग 230 क्विंटल की पैदावार हुई.
15 लाख का मुनाफा
विनोद बताते हैं कि उन्होंने काले गेहूं कि खेती से प्रति एकड़ 20 से 22 क्विंटल का उत्पादन लिया. जिससे उन्हें 20 बीघा में से 230 क्विंटल की पैदावार हुई. यह गेहूं उन्होंने देश के अन्य राज्य जैसे, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, दिल्ली, गुजरात और उत्तराखंड में बेचा. विनोद बताते हैं कि सामान्य गेहूं कि तुलना में काले गेहूं का अच्छा भाव मिलता है. यह गेहूं 7000 प्रति क्विंटल आसानी से बिक जाता है. इस तरह उन्हें सालभर में काले गेहूं कि खेती से 15 लाख रूपए तक का मुनाफा हुआ. काले गेहूं कि डिमांड की वजह बताते हुए विनोद कहते हैं इसमें जिंक और आयरन जैसे तत्वों की मात्रा अधिक होती है. वहीं ग्लुटिन की कम मात्रा कि वजह से यह शुगर, ब्लड प्रेशर और मोटापे के मरीजों के लिए फायदेमंद है. वहीं इससे पाचनतंत्र भी दुरूस्त होता है. इसकी रोटी ब्राउन कलर की होती है जो बेहद स्वादिष्ट होती है.
कैसे करें काले गेहूं कि खेती- काले गेहूं कि यह किस्म है नाबी एमजी. जो 2017 में किसानों के बीच आई. आइए जानते हैं कैसे इसकी खेती करें –
मिट्टी
विनोद के मुताबिक काले गेहूं कि खेती उन सभी क्षेत्रों में की जा सकती है जहां सामान्य गेहूं कि खेती होती है. हालांकि इसके लिए काली मिट्टी उत्तम होती है.
बीजदर
प्रति एकड़ के लिए 45 से 50 किलो काले गेहूं के बीज की जरूरत पड़ती है. विनोद का कहना है कि सामान्य गेहूं की तुलना में इसके कम बीज की जरूर पड़ती है. दरअसल, इस किस्म के गेहूं की फुटाव क्षमता अधिक होने के कारण इसमें अधिक कल्ले निकलते हैं.
बीजोपचार
बुवाई से पहले बीज को बाविस्टीन से बीजोपचार कर लें. 1 किलो पाउडर से 5 क्विंटल बीज उपचारित किया जा सकता है.
बुवाई का सही समय
काले गेहूं कि बुवाई के लिए 1 नवंबर से 15 नवंबर तक का उचित समय है.
खाद एवं उर्वरक
अच्छे उत्पादन के लिए प्रति एकड़ नाइट्रोजन 70 से 75 किलो और डीएपी 50 किलो डालना चाहिए. वहीं बुवाई से पहले खेत की अच्छे से जुताई कर लें.
सिंचाई
काले गेहूं कि खेती 4 सिंचाई में हो जाती है लेकिन पथरीली और रेतीली जमीन में इसमें 5 सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है. गेहूं की यह किस्म 130 से 135 दिनों में पक जाती है.
रोग एवं कीट
काले गेहूं कि यह किस्म रोग प्रतिरोधक होती है. इसलिए इसमें किसी भी तरह की बीमारी के लगने की कम संभावना रहती है.
उपज
काले गेहूं कि प्रति एकड़ 20 से 22 क्विंटल की उपज होती है.
बीज कहां से प्राप्त करें
विनोद चौहान, सिरसौदा गांव, धार जिला, मध्य प्रदेश
मोबाइल नंबर : 9755545650